Thursday, 25 December 2025

कभी विकास का भागीदार बनते देखा है विस्तापित परिवारों को ...

आदमी किसी मेहनत करके घर, खेत बाड़ी खरीदता है उसमे मेहनत करके खेती योग्य बनाता है और अपने परिवार का आजीविका चलाता है । सालों साल उसकी देखरेख करता है । और अचानक एक दिन कोई उद्योगपति आया है माइंस खोलने, उद्योग खोलने के नाम पर सरकार से मिलकर जमीन अधिग्रहित कर उस किसान को मुआवजा देकर वहां से भागने को कहता है । 
अपने पीढ़ियों से बसे बसाए घर द्वार खेल खलिहान को अचानक छोड़ कहाँ जाए यह सोचना और कल्पना करना बहुत ही पीड़ादायक होता है ।

कभी उन उद्योगपतियों के घर इस तरह नहीं तोड़े गए न, कभी उन नेताओं और ब्यूरोक्रेट्स के घर इस तरह टूटते तो उन्हें दर्द और पीड़ा पता होता की कैसा महसूस होता है? कैसी बेदना होती है ? कैसी  पीड़ा होती है ?

विकास के नाम पर विनाश की कहानी लिखने व गढ़ने वाले यह कभी नहीं बताते की जिस विकास की बाते वे करते हैं उस विकास का लाभ तो हमेशा वे ही स्वंय उठाते है । कभी विस्तापित परिवार को विकास का भागीदार बनते देखा है । मैंने तो नहीं देखा आपने देखा है तो जरूर बताना । 

Wednesday, 24 December 2025

रायपुर में स्वराज संवाद कार्यशाला

बगधरा संस्था राजस्थान द्वारा स्वराज संवाद कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन होटल वेंकटेश रायपुर में की गई। जिसमें राज्य जमीनी स्तर पर कार्यरत 29 स्वैच्छिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया ।
इस कार्यक्रम के दौरान स्वराज संवाद के सम्बंध में व्यापक जानकारी बगधरा संस्थान के जयेश जोशी जी ने बताया साथ सुदीप शर्मा व माजिद खान जी ने स्वराज संवाद के तहत राजस्थान में किए गए अपने प्रयासों व अनुभवों को साझा किया । 
पारंपरिक संस्कृति, पारंपरिक कृषि, पारंपरिक जीवन शैली, पारंपरिक खान व पारंपरिक धरोहरों पर व्यापकता के साथ प्रतिभागियों ने अपने प्रयासों व अनुभवों को साझा किया 
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Thursday, 31 July 2025

छत्तीसगढ़ में स्वैच्छिक संस्थाओं के सशक्तिकरण पर कार्यशाला सम्पन्न

Vani Cso नई दिल्ली IM, Anmol Foundation व ICMAI के तत्वावधान में रायपुर में 29 व 30 जुलाई को *छत्तीसगढ़ में स्वैच्छिक संस्थाओं के सशक्तिकरण* विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन होटल मयूरा जीई रोड रायपुर में किया गया । उक्त कार्यशाला में राज्य के 16 जिलों से 46 संस्थाओं के प्रमुखों व सीनियर लीडर्स शामिल हुए।
कार्यक्रम में वाणी के सीईओ हर्ष जेटली ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर स्वैच्छिक संस्थाओं के सामने हो रही चुनौतियों व उनके प्रयासों के संदर्भ में अपने अनुभवों को रखा । राजमेरु संस्थान के रजत चौधरी ने स्वैच्छिक प्रयासों के इतिहास व 70-80 के दशक के अधिकार व आंदोलनों वाले से लेकर रचनात्मक कार्यों के दशकों पर चर्चा की साथ ही स्वास्थ्य शिक्षा, आजीविका पर बातचीत कर समुदाय के साथ समय व्यतीत करने पर बल दिया । 
अनमोल फाउंडेशन के निदेशक संजय शर्मा ने स्वैच्छिक प्रयासों के क्षेत्र में नई तकनीकी के विस्तार व क्षमता वृद्धि कैसे की जाए व सीएसआर सहित अन्य दानदाताओं के साथ संबंध मजबूत बनाने के लिए किस प्रकार के प्रशासनिक व्यवस्था में बदलाव लाने की जरूरत है उन बिंदुओं पर बातचीत को रखा और राज्य स्तरीय संगठन को मजबूती प्रदान करने में सहयोग की बात की । 
सहभागी समाज सेवी संस्था के अध्यक्ष बसंत यादव ने आजीविका के क्षेत्र में वनोपज आधारित लाख खेती व जैविक खेती को लेकर काम करने व समुदायों को संशक्त बनाने की बात की और अपने अनुभव रखे। 
सृजन केंद्र के संस्थापक मुरलीधर चंद्रम ने संसाधन की परवाह किए बिना काम करने की सलाह दी और किस तरह लोगों के मुद्दों को बिना संसाधन के समाधान हेतु प्रयास किए जा सकते है उन पर प्रकाश डाला। चिराग संस्था के निदेशक मंगल पांडेय ने समुदायों की सहभगिता, स्वैच्छिक प्रयासों की मजबूती व सक्रियता पर बल देते हुए वाणी को राज्य स्तर पर मिलकर मजबूत करने की बात कही। 
पथ प्रदर्शक संस्था के सुशील सिंह ने शिक्षा के ज्वलंत मुद्दों पर अपनी राय रखी और मिलकर काम करने का सुझाव भी दिया । 

कार्यशाला के दूसरे दिन के सत्रों में डॉक्टर गुप्ता ने सोशल स्टॉक एक्सचेंज पर विस्तार से जानकारी दी तथा हर्ष जेटली जी ने फंडिंग व वाणी के प्रयासों पर अपने अनुभव साझा किए । प्रदान से हर्षा वशिष्ठ जी ने शेसन के साथ समन्वय किस प्रकार किया जा सकता है उस पर अपने अनुभव रखे और स्वैच्छिक प्रयासों के मजबूत बनाने पर विचार साझा किए। कार्यक्रम को पैनल डिस्कशन, समूह चर्चा व खुली चर्चा के माध्यम से संचालित किया गया । वाणी को मजबूत बनाने के लिए सभी ने संकल्प लिया ।

Sunday, 20 July 2025

पर्यावरण संरक्षण पर अनमोल फाउंडेशन के सीईओ के विचार को दैनिक भास्कर ने दिया स्थान

दैनिक भास्कर समाचार पत्र में पर्यावरण संरक्षण के सम्बंध में अनमोल फाउंडेशन के सीईओ संजय शर्मा का साक्षात्कार को स्थान दिया । फाउंडेशन की तरफ से दैनिक भास्कर को धन्यवाद। 
पर्यावरण संरक्षण आज बहुत जरूरी है और हर एक मनुष्य का कर्तव्य है कि उसके लिए कुछ तो करे ।

शहरों में तो इसकी नितांत आवश्यकता है, विकास के नाम पर पेड़ों को अंधाधुंध कटाई, उद्योगों के द्वारा अंधाधुंध प्रदूषण फैलाने । व्यक्तिगत वाहनों की संख्या व उनसे निकलने वाले धुएं का प्रदूषण, बढ़ती जनसंख्या जैसे कई कारण है। 

इन्ही कारणों से पर्यावरण सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है । मानव जीवन मे पेड़ों का सिर्फ पर्यावरण के दृष्टि से ही महत्व नहीं है बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी बहुत है । हमारे भारत देश मे पेड़ों और पहाड़ों की पूजा की जाती है । 
हर व्यक्ति को इस दिशा में आगे आकर पौधे लगाना चाहिए और उसकी देखरेख करनी चाहिए ।

Friday, 18 July 2025

लीला देवी ने अपने हाथों बांस से बने समान देकर किया स्वागत

कांकेर जिले के खल्लारी ग्राम में महिला लीडर श्रीमती लीला देवी ने अपने द्वारा बनाए गए बांस का सामान स्मृति चिन्ह के रूप में  अनमोल फाउंडेशन के CEO संजय शर्मा को प्रदान कर उनके बीच समय देने व उनकी बातों को सुनने व समझने के लिए आभार व्यक्त किया। 
पारधी समुदाय के लोग बांस का ही समान बनाते हैं, इनकी पूरी आजीविका इसी पर निर्भर है। अब धीरे- धीरे खेती को अपना रहे हैं। 
लेकिन इन्होंने अपने हुनर को छोड़ा नहीं है बल्कि उसे मुख्य आजीविका के स्रोतों में शामिल करके रखा हुआ ।
बांस से बने सामानों से एक निश्चित आय हर माह में अर्जित कर लेते हैं जिससे परिवार के आजीविका में सहयोग मिल जाता है । 

Thursday, 17 July 2025

आय को बढ़ाने किसानों से चर्चा

किसानों के साथ चर्चा कर जानकारी लेते हुए अनमोल फाउंडेशन के CEO संजय शर्मा । 
सिंचाई की समस्या व फसलों के उत्पादन पर बात कर लोगों के अनुभवों के बारे में जाना । 
संजय शर्मा ने त्वरित उत्पादन व आय देने वाली फसलों व कम भूमि वाले किसानों को मिश्रित फसल के सम्बंध में जानकारी साझा की और अपने अनुभव साझा किए । 
पम्पापुर के कोलता पारा के किसानों ने भी खुलकर अपनी बातें रखी व पूर्व में संजय शर्मा के सहयोग से नाले पर बनाए गए चेकडैम के टूट जाने से होने वाली नुकसान पर चर्चा करते हुए उसे फिर से बनाने में मदद करने की मांग रखी ।

Tuesday, 15 July 2025

कुपोषण दूर करने पोषण वाटिका अभियान

सब्जियों के बीज अंकुरित होने लगे हैं और जल्द ही रोपाई के लिए तैयार हो जाएंगे।

अनमोल फाउंडेशन पोषण वाटिका अभियान के तहत वंचित एवं आर्थिक रूप से पिछड़े समुदाय के परिवारों के साथ अभियान चलाकर सब्जी की खेती को बढ़ावा दे रहा है।
इस अभियान के तहत घर के आसपास सब्ज़ियों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए लोगों को सब्ज़ियाँ दी जा रही हैं। बाकी प्रक्रियाएँ समुदाय के सहयोग से पूरी की जा रही हैं।
फाउंडेशन का उद्देश्य है:
1- समुदाय को सब्जियों के रूप में पौष्टिक भोजन मिले।
2- सभी का स्वास्थ्य बेहतर हो।
3- बच्चों और महिलाओं को सब्जियों से पोषक तत्व मिलें।
4- कोई भी कुपोषण का शिकार न हो।
इन उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए, फाउंडेशन लोगों से सब्जियां उगाने और उन्हें अपने आहार में शामिल करने का आग्रह कर रहा है।

कभी विकास का भागीदार बनते देखा है विस्तापित परिवारों को ...

आदमी किसी मेहनत करके घर, खेत बाड़ी खरीदता है उसमे मेहनत करके खेती योग्य बनाता है और अपने परिवार का आजीविका चलाता है । सालों साल उसकी देखरेख क...